Monday, April 18, 2011

शंकर-सुवन मारुती नंदन




हनुमदुपासना कल्पद्रुमनामक प्राचीन ग्रंथ में लिखा है-

चैत्रमासिसितेपक्षेपौर्णमास्यांकुजेऽहनि।मौलीमेखलयायुक्तकौपीन परिधारक
अर्थात चैत्र मास के शुक्लपक्ष में मंगलवार और पूर्णिमा के संयोग की बेला में मूंज की मेखला से युक्त लंगोटी पहने तथा यज्ञोपवीत धारण किए हुए हनुमानजी का आविर्भाव हुआ।