आध्यात्मिक जीवन आत्मिक सुख का निश्चित हेतु है। अध्यात्मवाद वह दिव्य आधार है, जिस पर मनुष्य की आंतरिक तथा बाह्य दोनों प्रकार की उन्नतियां एवं समृतियां अवलंबित हैं। सांसारिक उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए भी जिन परिश्रम, पुरुषार्थ, सहयोग, सहकारिता आदि गुणों की आवश्यकता होती है, वे सब आध्यात्मिक जीवन के ही अंग हैं।