आज की व्यस्त जिंदगी में इंसान के पास काम, जिम्मेदारियों और जरूरतों को पूरा करने की उलझन में ईश्वर स्मरण के लिए वक्त निकालना मुश्किल है। हालांकि धर्मग्रंथों में लिखी बातें कर्म को पूजा का दर्जा देती हैं। किंतु कर्म के साथ-साथ ईश्वर भक्ति और कृपा को भी सफल जीवन का सूत्र भी माना गया है।
यही कारण है कि हम यहां बता रहे हैं धर्मग्रंथों का एक ऐसा सरल और असरदार मंत्र जो देव पूजा के अलावा कार्य और जिम्मेदारियों के दौरान किसी भी वक्त मन ही मन स्मरण करने पर सारे काम बिना बाधा और परेशानी के पूरे करने वाला माना गया है।
यह मंत्र भगवान विष्णु के साथ उनके अवतार श्रीकृष्ण का स्मरण है। वर्तमान में चल रहा वैशाख माह भी इन दोनों देवताओं की उपासना का विशेष काल है। इसलिए इस मंत्र का स्मरण बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा। जानते हैं यह मंत्र -
- सुबह स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर देवालय में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा गंध, अक्षत, पीले फूल व धूप, दीप से करें।
- पूजा के बाद इस मंत्र का यथाशक्ति जप करें। यही मंत्र दिन में किसी भी वक्त काम के दौरान ध्यान भी कर सकते हैं -
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव।
कर्म की अहमियत बताने वाले भगवान श्रीकृष्ण और शांतिस्वरूप भगवान विष्णु के ध्यान से आपका हर काम न केवल निर्विघ्र संपन्न होगा, बल्कि शांति और सुकून भी लाएगा।
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