हिन्दू धर्म में पूजा स्थल पर शंख रखने की परंपरा है। शंख को बहुत ही पवित्र माना गया है। शंख कई प्रकार के होते हैं। साधारणत: मंदिर में रखे जाने वाले शंख उल्टे हाथ के तरफ खुलते हैं और बाजार में आसानी से मिल जाते हैं जबकि
दक्षिणावर्ती शंख सीधे हाथ के तरफ खुलते हैं और बहुत चमत्कारी होते हैं और बहुत ही मुश्किल से मिल पाते हैं। यह शंख कई तंत्र क्रियाओं में भी काम में आते हैं। इस शंख को लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार इस शंख को पूर्ण विधि-विधान के साथ लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर में अलग- अलग स्थान पर रखने से विभिन्न परेशानियों का हल संभव है। इसके कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं-
दक्षिणावर्ती शंख सीधे हाथ के तरफ खुलते हैं और बहुत चमत्कारी होते हैं और बहुत ही मुश्किल से मिल पाते हैं। यह शंख कई तंत्र क्रियाओं में भी काम में आते हैं। इस शंख को लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार इस शंख को पूर्ण विधि-विधान के साथ लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर में अलग- अलग स्थान पर रखने से विभिन्न परेशानियों का हल संभव है। इसके कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं-
- दक्षिणावर्ती शंख को तिजोरी में रखा जाए तो घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
- इसको बेडरुम में किसी अलमारी में रखा जाए तो पति-पत्नी के सम्बन्ध में मधुरता आती है। घर में क्लेश नहीं होता है और शांति बनी रहती है।
- जिस घर में इसे रखा जाता है वहां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है और कभी कपड़ों और पैसों की कमी नहीं आती।
- यदि इस शंख में दूध भरकर किसी नि:संतान महिला को पिलाया जाए तो उसे जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- इस शंख में रात भर पानी भर कर रखे सुबह चहरे पर लगाने से दाग धब्बे व काले निशान हट जाते है।
- पूजा करने के बाद इस शंख के जल को घर में छिडकने पर घर पर कोई बुरा साया नही पड़ता है।
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