पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा नाजुक होता है। छोटी सी गलतफहमी इस रिश्ते को तोड़ सकती है। कई बार ऐसा होता भी है। वर्तमान के समय काम का बोझ व दूसरी जिम्मेदारियों के चलते पति-पत्नी एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते। ऐसे में उनके बीच दूरियां बढऩे लगती है और कई बार यह रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है।
यदि इस मंत्र का जप किया जाए तो पति-पत्नी के मतभेद समाप्त हो जाते हैं और उनका रिश्ता टूटने से बच सकता है।
यदि इस मंत्र का जप किया जाए तो पति-पत्नी के मतभेद समाप्त हो जाते हैं और उनका रिश्ता टूटने से बच सकता है।
मंत्र-
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति
प्रतिदिन इस मंत्र का 21 माला जप करने से पति-पत्नी में न केवल प्रेम बना रहता है बल्कि प्रेम में प्रगाढ़ता भी आती है। यह मंत्र पति-पत्नी स्वयं भी कर सकते हैं या किसी योग्य ब्राह्मण से भी करवा सकते हैं।
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