रुद्राक्ष के बारे में हम सभी लोगों ने सुना होगा। यह भगवान शिव के आभूषण माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति भगवा शंकर की आंसू से हुई है। रुद्राक्ष कई प्रकार का होता है। इस पर जितनी धारियां होती हैं वह रुद्राक्ष उतना मुखी कहलाता है। हर रुद्राक्ष की अपनी एक अलग विशेषता होती है, जैसे रुद्राक्ष में यदि बारह धारियां है तो वह बारहमुखी रुद्राक्ष कहलायेगा।
- बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान सूर्य के बारह रूपों के ओज, तेज और शक्ति का केन्द्र बिन्दू है। सूर्य को संसार चलाने वाला देवता माना जाता है। जिस तरह सूर्य पूरी दुनिया को रोशनी प्रदान करता है। उसी तरह बारहमुखी रुद्राक्ष भी अपने पहनने वाले को ख्याति के साथ ही सूर्य के समान तेज प्रदान करता है। इसे जो भी पहनता है उसे हर तरह का धन वैभव ज्ञान और सभी तरह के भौतिक सुख मिलते है।
- ऐसा कहा जाता है की इसको पहनने से बारह आदित्य यानि सूर्य के बारह रूप प्रसन्न होते हैं। इसको पहनने वाले के चेहरे पर हमेशा खुशी रहती है। उसकी बोली में चातुर्यता आ जाती है।
- इस रुद्राक्ष को धारण करने से शादी में आ रही रूकावट दूर होती है साथ ही मानसिक पीड़ा मिट जाती है। जीवन निरोगी और सुखी होता है। यह भी कहा जाता है कि इसे धारण करने वाले व्यक्ति को राजा के समान सुख पूर्ण जीवन मिलता है।
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